जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र ने बताया कि प्रत्येक ग्राम सभा स्तर पर पराली जाने के कारण होने वाले प्रदूषण के रोकथाम के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर समिति का गठन किया गया है, जिसमें ग्राम प्रधान संबंधित लेखपाल एवं ग्राम पंचायत अधिकारी नामित हैं। उन्होंने कहा कि अपने संबंधित ग्राम सभा में किसी भी दशा में धान की पराली धान का पुआल तथा अन्य कृषि अपशिष्टों को न जलाने दे। यदि पराली एवं अन्य कृषि अपशिष्ट जलाए जाने की शिकायत पाए जाने पर संबंधित को दंडित करने के साथ-साथ क्षतिपूर्ति की वसूली एवं पुनरावृत्ति होने पर संबंधित के विरुद्ध अर्थ दंड लगाए जाने के संबंध में कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि फसल अवशेष जलाएं जाने से हो रहे वायु प्रदूषण की रोकथाम किये जाने हेतु संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वहन जिम्मेदारी के साथ करेंगे।
तहसील स्तर पर होगी उड़नदस्ता टीम
तहसील स्तर पर गठित उड़नदस्ते का यह दायित्व होगा कि धान कटने के समय से लेकर रबी में गेहूं की बुवाई तक प्रतिदिन फसल अवशेष जलाने की घटनाओं एवं इसकी रोकथाम के लिए की गई कार्रवाई की सतत निगरानी एवं अनुश्रवण करते हुए प्रत्येक कार्य दिवस की सूचना अनिवार्य रूप से जनपद स्तर पर गठित सेल को देंगे।